- 58 Posts
- 40 Comments
केंद्र सरकार मुसलमानों को लुभाने के लिए कुछ रटे रटाए वाक्य इस समय बोलती रहती है जैसे सच्चर समिति, रंगनाथ मिश्र आयोग आदि। क्या आरक्षण की वैसाखी देकर मुसलमानों का उद्धार संभव है? वैसे भी मजहब के आधार पर आरक्षण संविधान सम्मत नहीं है। ऐसे मे कांग्रेस चुनाव आने पर अपने खोखले वादों से खास कर मुस्लिम वर्ग को लुभाने मे लगी है । मुसलमानों मे मुख्य चार जातियाँ हैं, अजरब , अजलब, और अतरज, अशरफ । जिनमे अजरब , अजलब की दशा सबसे गिरि हुई होती है , अशिक्षा , बहुपत्नी विवाह , अनियंत्रित जनन दर , अज्ञानता आदि इन लोगों की बुनियादी समस्याएं होतीं हैं जिनके लिए ये खुद जिम्मेदार हैं , उन्हे दूर किए बिना आरक्षण का लालिपोप दिखाना कांग्रेस की धोखाधड़ी नहीं तो क्या है ? पं जवाहरलाल नेहरू जी ने भी कहा था की यदि हम मजहब या जाती के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था करते हैं तो हम सक्षम और प्रतिभावान लोगों से वंचित हो, दूसरे या तीसरे दर्जे के रह जाएंगे , और आज उनका प्रपौत्र उनकी ही कर्मभूमि से अपने चुनाव प्रचार का शुभारंभ करते हुए मजहब के आधार पर मुसलमानों के लिए अलग से आरक्षण का वादा करता है ।
हरमंगल सिंह
फ़ैज़ाबाद
Read Comments