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इतना घटिया स्तर हो सकता है सियासत का, इसकी किसी ने भी कल्पना नहीं की होगी। सियासत का बेशर्म चेहरा एक बार फिर सामने आ गया है । इस बार यह चेहरा राजस्थान की राजनीति से उबरा है। इस चेहरे ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि राजनीति का सत्तर बहुत गिर चुका है। महीपाल मदेरणा ने राजस्थान की राजनीति में जो घटिया कार्य किया है उससे राजस्थान की जनता का सर शर्म से झुक गया है | अगर किसी सामान्य व्यक्ति से यह घर्णित कार्य होता तो बात और थी, परन्तु महीपाल मदेरणा सिर्फ व्यक्ति नही विशिष्ट व्यक्तियों की श्रेणी मे आते हैं ,लोग उनका अनुसरण करते है ,उनको अपना आदर्श मानते है इस तरह से वो जनमानस की भावनाओ के साथ खेल नहीं सकते। अपने मंत्री द्वारा उठाए गए प्रत्येक कदम पर जनता की पूरी नज़र रहती है । देश के इन होनहार मंत्रियों का कार्य सिर्फ सत्ता का सुख भोगना ही नही बल्कि समाज में एक आदर्श प्रस्तुत करना भी होता है | राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी भी इस घ्राणित कार्य मे कम दोषी नहीं हैं। जब मुख्यमंत्री महोदय जी को पाच माह पूर्व अपने मंत्री की काली करतूत का पता लग गया था तो अब तक उन्होने इस आरोप को दबाने का प्रयास क्यूँ किया ? एक तरह से उन्होने भी अपने मंत्री की करतूत पर पर्दा डाला है ,उसे जनता के सामने आने से रोकने का प्रयास किया है। आरोप जग-जाहिर हो जाने के बाद मदेरणा से इस्तीफा मांगने और उन्हें वर्खास्त करने से मुख्यमंत्री महोदय दोष मुक्त नहीं हो सकते हैं। जनता को ऐसे नेताओं का सामाजिक व् राजनीतिक बहिष्कार करना चाहिए ।
हरमंगल सिंह
फ़ैज़ाबाद
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